दोस्तों, आज आपके लिए पछतावा Poetry लेके आया हूं। आप इसे पढ़े और शेयर जरूर करे, और
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Pachtawa Poetry in hindi lyrics
पछतावा काश फ़ैसलों के पन्नों को जला ही दिया होता,
तो आज पछतावे में दर्ज मेरा नाम ना हुआ होता.
काश चुप्पी को ज़ुबान पर चढ़ा ही दिया होता,
तो आज पछतावे में दर्ज मेरा नाम ना हुआ होता.
काश उसूलों को थोड़ा समझा ही दिया होता,
तो आज पछतावे में दर्ज मेरा नाम ना हुआ होता.
काश कद्र को वक्त पर सँवार ही लिया होता,
तो आज पछतावे में दर्ज मेरा नाम ना हुआ होता.
काश सुलह को थोड़ा आज़मा ही लिया होता,
तो आज पछतावे में दर्ज मेरा नाम ना हुआ होता.
काश फ़िक्र को थोड़ा जता ही दिया होता,
तो आज पछतावे में दर्ज मेरा नाम ना हुआ होता.
काश एहसास को वक्त पर बुला ही दिया होता,
तो आज पछतावे में दर्ज मेरा नाम ना हुआ होता…!
Pachtawa Poetry in hindi lyrics
Pachtawa Kaash Faisalon Ke Panno Ko Jala Hi Diya Hota,
To Aaj Pachtawe Mein Darj Mera Naam Na Hua Hota
Kaash Chuppi Ko Zubaan Par Chadha Hi Diya Hota,
To Aaj Pachtawe Mein Darj Mera Naam Na Hua Hota .
Kaash Usulo Ko Thoda Samjha Hi Diya Hota, To Aaj Pachtawe Mein Darj Mera Naam Na Hua Hota.
Kaash Kadr Ko Waqt Par Sanwar Hi Liya Hota,
To Aaj Pachtawe Mein Darj Mera Naam Na Hua Hota.
Kaash Sulah Ko Thoda Aazma Hi Liya Hota, To Aaj Pachtawe Mein Darj Mera Naam Na Hua Hota.
Kaash Fikar Ko Thoda Jata Hi Diya Hota,
To Aaj Pachtawe Mein Darj Mera Naam Na Hua Hota.
Kaash Ehsaas Ko Waqt Par Bula Hi Diya Hota,
To Aaj Pachtawe Mein Darj Mera Naam Na Hua Hota…!
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