रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी मनाया जाता है. मान्यता है कि भगवान राम का जन्म चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था. इसीलिए इस तिथि को राम नवमी कहा जाता है. इस दिन घर-घर भगवान राम का जन्मोत्सव मनाया जाता है. Read More : Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi with Audio Video
राम नवमी का संबंध भगवान विष्णु के अवतार मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम से है. भगवान विष्णु ने अधर्म का नाश कर धर्म की स्थापना करने के लिये हर युग में अवतार धारण किए. इन्हीं में एक अवतार उन्होंने भगवान श्री राम के रुप में लिया था.
जिस दिन भगवान श्री हरि ने राम के रूप में राजा दशरथ के यहां माता कौशल्या की कोख से जन्म लिया वह दिन चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी का दिन था. यही कारण है कि इस तिथि को रामनवमी के रूप में मनाया जाता है. चैत्र नवरात्रि का भी यह अंतिम दिन होता है.
Ram navami Celebration Time Table
रामनवमी क्यों मनाया जाता है? Ram navami Kyu Manaya jata hai ?
शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि भगवान विष्णु ने सातवे अवतार में भगवान राम के रूप में त्रेतायुग में जन्म लिया था. भगवान राम का जन्म रावण के अत्याचारों को खत्म करने एवं पृथ्वी से दुष्टों को खत्म कर नए धर्म स्थापना के लिए हुआ था. इसीलिये भगवान राम के जन्मोत्सव के रूप में रामनवमी का पर्व मनाया जाता है.
शास्त्रों के अनुसार यह भी माना जाता है कि भगवान राम ने लंका पर विजय प्राप्त करने के लिए मां दुर्गा की उपासना की थी. चैत्र मास की नवरात्रि के समापन के बाद ही राम नवमी का पर्व आता है।
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राम नवमी महत्व : Importance of Ram navami
वैसे तो चैत्र नवरात्रि का हर दिन काफी महत्वपूर्ण माना गया है पर नवरात्रि के 9वें दिन का महत्व राम नवमी के कारण और बढ़ जाता है. इस दिन को साल के बेहद शुभ दिवसों की श्रेणी में रखा गया है. रामनवमी के दिन मां दुर्गा और श्री राम-मां सीता का पूजन किया जाता है.
इस दिन का महत्व इतना ज्यादा है कि लोग नये घर, दुकान या प्रतिष्ठान में नवमी के दिन ही पूजा-अर्चना कर प्रवेश करते हैं. इस दिन मां दुर्गा के 9वें स्वरूप सिद्धिदात्री की उपासना की जाती है.
श्री राम का जन्म इतिहास History behind Ram Born ?
पौराणिक ग्रंथों में जो कथाएं हैं उनके अनुसार भगवान राम त्रेता युग में अवतरित हुए. उनके जन्म का एकमात्र उद्देश्य मानव मात्र का कल्याण करना, मानव समाज के लिए एक आदर्श पुरुष की मिसाल पेश करना और अधर्म का नाश कर धर्म की स्थापना करना था। यहां धर्म का अर्थ किसी विशेष धर्म के लिए नहीं बल्कि एक आदर्श कल्याणकारी समाज की स्थापना से है.
राजा दशरथ जिनका प्रताप 10 दिशाओं में व्याप्त रहा। उन्होंने तीन विवाह किए थे लेकिन किसी भी रानी से उन्हें पुत्र की प्राप्ति नहीं हुई। ऋषि मुनियों से जब इस बारे में विमर्श किया तो उन्होंने पुत्रेष्टि यज्ञ करवाने की सलाह दी.
पुत्रेष्टि यज्ञ करवाने के पश्चात यज्ञ से जो खीर प्राप्त हुई उसे राजा दशरथ ने अपनी प्रिय पत्नी कौशल्या को दे दिया. कौशल्या ने उसमें से आधा हिस्सा केकैयी को दिया इसके पश्चात कौशल्या और केकैयी ने अपने हिस्से से आधा-आधा हिस्सा तीसरी पत्नी सुमित्रा को दे दिया। इसीलिए चैत्र शुक्ल नवमी को पुनर्वसु नक्षत्र एवं कर्क लग्न में माता कौशल्या की कोख से भगवान श्री राम जन्मे. केकैयी से भरत ने जन्म लिया तो सुमित्रा ने लक्ष्मण व शत्रुघ्न को जन्म दिया.
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अगस्त्य संहिता में उल्लेख मिलता है कि जिस वक्त प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ था उस वक्त दोपहर की घड़ी थी. उस समय पुनर्वसु नक्षत्र, कर्क लग्न और मेष राशि थी. शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान राम के जन्म के वक्त सूर्य और 5 ग्रहों की शुभ दृष्टि भी थी और इन खास योगों के बीच राजा दशरथ और माता कौशल्या के पुत्र का जन्म हुआ।
क्यों मनाई जाती है रामनवमी ? Why is Ram navami Celebrate?
शास्त्रों के अनुसार, लंकापति रावण के अत्याचारों को खत्म करने के लिए भगवान बिष्णु ने जन्म लिया था. भगवान राम बिष्णुजी के सातवें अवतार हैं, जो त्रेतायुग में धर्मस्थापना के लिए धरती पर अवतरित हुए. इसलिए इस दिन लोग भगवान राम के जन्म की खुशियां मनाते हैं. रामनवमी का त्योहार के दिन है नवरात्र का समापन होता है। शास्त्रों के अनुसार, भगवान राम ने लंका पर विजय प्राप्त करने के लिए मां दुर्गा की उपासना की थी. इसी दिन अयोध्या में चैत्र राम मेले का भव्य आयोजन भी किया जाता है.
कैसे मनाते हैं रामनवमी ? How to celebrate Ram navami ?
भगवान श्री राम को मर्यादा का प्रतीक माना जाता है। उन्हें पुरुषोत्तम यानि श्रेष्ठ पुरुष की संज्ञा दी जाती है. वे स्त्री पुरुष में भेद नहीं करते। अनेक उदाहरण हैं जहां वे अपनी पत्नी सीता के प्रति समर्पित व उनका सम्मान करते नज़र आते हैं. वे समाज में व्याप्त ऊंच-नीच को भी नहीं मानते. शबरी के झूठे बेर खाने का और केवट की नाव चढ़ने का उदाहरण इसे समझने के लिए सर्वोत्तम है.
वेद शास्त्रों के ज्ञाता और समस्त लोकों पर अपने पराक्रम का परचम लहराने वाले, विभिन्न कलाओं में निपुण लंकापति रावण के अंहकार के किले को ध्वस्त करने वाले पराक्रमी भगवान श्री राम का जन्मोत्सव देश भर में धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इस दिन भगवान श्री राम की भक्ति में डूबकर भजन कीर्तन किए जाते हैं.
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श्री रामकथा सुनी जाती है. रामचरित मानस का पाठ करवाया जाता है. श्री राम स्त्रोत का पाठ किया जाता है. कई जगहों भर भगवान श्री राम की प्रतिमा को झूले में भी झुलाया जाता है. रामनवमी को उपवास भी रखा जाता है. मान्यता है कि रामनवमी का उपवास रखने से सुख समृद्धि आती है और पाप नष्ट होते हैं.
मुझे उम्मीद है की आपको मेरी यह पोस्ट रामनवमी क्यों मनाई जाती है जरुर पसंद आई होगी. आप सभी को रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं.
Story By Sakshi Jaiswal
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